धोखे का बदला Dhokhe ka badla

धोखे का बदला Dhokhe ka badla

धोखे का बदला 


रात के काले सायें में जंगल के बीच अंजली की लाश पड़ी थी। रोबिन पास ही में गढ्ढा खोद रहा था।

अभी कुछ ही देर पहले अंजली उसे न मारने के लिये गुहार लगा रही थी।

अंजली: रोबिन मैं तो तुमसे बहुत प्यार करती हूं। फिर तुम मुझे कैसे मार सकते हो?

रोबिन जोर से हसता है। वह अंजली के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ देता है। अंजली के होठ के किनारे से खून निकल आता है।

रोबिन: अंजली तुम मेरे बारे में जानती ही क्या हो मैं तुमसे पहले भी कई लड़कियों से प्यार का नाटक कर चुका हूं। हर लड़की से मुझे बहुत से पैसे ऐंठने को मिले हैं लेकिन तुमसे मुझे कुछ न मिल पाया।

अंजली: लेकिन मैं तो तुम्हारे साथ शादी करके जिन्दगी बिताने के सपने देख रही थी।

रोबिन: तुम सपने देख रहीं थीं। लेकिन मैंने तुमसे कहा था। तुम घर से आते समय जेवर और पैसे लेकर आना। लेकिन तुम खाली हाथ चली आईं। अब तुम्हारा मैं क्या करूं। अगर मैं तुम्हें छोड़ता हूं तो तुम पुलिस के पास जाओंगी। अगर तुम्हारे साथ रहता हूं तो तुम्हारा खर्चा कौन उठायेगा।

अंजली: रोबिन मुझे जाने दो मैं वादा करती हूं किसी से कुछ नहीं कहूंगी।

रोबिन: मैंने आज तक किसी भी लड़की को जिंदा नहीं छोड़ा कईयों को तो यहीं लाकर इसी जंगल में दफना दिया है।

अंजली वहां से भागने की कोशिश करती है लेकिन रोबिन अपनी जैकेट की अंदर की जेब से चाकू निकाल कर उसे पीछे से बालों से पकड़ कर उसका गला रेत देता है।

अंजली दो कदम चल कर जमीन पर गिर पड़ती है।

अंजली: तुमने अच्छा नहीं किया … मैं तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ूंगी …. यही दो शब्द कहकर अंजली निष्प्राण हो गई।

रोबिन मोबाईल की रोशनी में जल्दी जल्दी गढ्ढा खोद कर अंजली की लाश को उसमें रख कर मिट्टी से बंद करने लगता है। तभी उसे चाकू दिखाई देता है। वह उस पर से अपनी उंगलियों के निशान मिटा कर उसे भी उसी गढ्ढे में डाल कर मिट्टी से बंद कर देता है।

वहीं सामने चीर के पेड़ के पास अंजली (उसकी आत्मा) अपनी लाश को देख कर रो रही थी। उसे अभी भी यकीन नहीं था, कि रोबिन ने उसके साथ ऐसा किया। जब रोबिन गढ्ढा खोद रहा था। तब भी वह गढ्ढे के पास खड़े होकर उसकी करतूत देख रही थी।

अंजली वहीं खड़ी रही। रोबिन उसे दफना कर हसता हुआ चला गया जैसे कुछ हुआ ही नहीं है।




अंजली: (अपने आप से) अब मेरा क्या होगा? मेरे घरवालों को तो कभी मेरे बारे में पता ही नहीं लगेगा। मेरी एक गलती की सजा पूरा घर भुगतेगा। मेरी मां जो मेरे बगैर खाना भी नहीं खाती थी। वह अब कैसे जिंदा रहेगी और उसे तो पता भी नहीं चलेगा कि मैं मर गई हूं। मेरे पापा जब तक जिंदा रहेंगे मुझसे नफरत करते रहेंगे। यही सोच की मैं घर से भाग गई। उन्हें कैसे यकीन दिलाउं कि मैं मर गई।

यह विचार आते ही अंजली अपने घर पहुंच जाती है। वह अंदर जाकर देखती है। उसकी मां बिस्तर पर पड़ी रो रही है।

पिता: अब रोने से क्या फायदा मर गई वो आज से हमारे लिये। वह हमारा मुंह काला करके गई है। उसका शोक मत मनाओ। अब अगर वह शादी करके वापस भी आ जाये तो उसे यहां मत आने देना।

मां: कैसी बात करते हो एक बार पता तो करो हमारी बेटी है कहां? मेरा दिल बहुत घबरा रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे उसके साथ कुछ बुरा हुआ है।

अंजली (आत्मा): हां मां तुम सही कह रही हों। बुरा ही तो हुआ है तुम्हारी बेटी के साथ। एक गलती की इतनी बड़ी सजा मिली है। मैंने सोचा था रोबिन से शादी करके दो तीन दिन में वापस आकर आपसे और पापा से माफी मांग लूंगी और सब पहले जैसा हो जायेगा।

अंजली यही सब सोच रही थी, कि पुलिस उसके घर आई।

इंस्पेक्टर: राधेश्याम जी आपने जो अपनी बेटी की मिसिंग कम्पलेंट लिखाई थी। उसमें किसी रोबिन का नाम लिखाया था। वह लड़का भी कल रात से गायब है हम उसे ढूंढ रहे हैं। वैसे आपकी लड़की का कोई फोन आया क्या?

राधेश्याम जी: नहीं इंस्पेक्टर साहब अभी तो नहीं आया।

इंस्पेक्टर: ऐसे केस में बच्चे शादी करके खुद वापस आ जाते हैं। अगर वो आ जाये तो मुझे फोन करके बता देना।

राधेश्याम जी: इंस्पेक्टर साहब क्या रोबिन के घर वालों का कुछ पता लगा?

इंस्पेक्टर: जी नहीं उसका यहां कोई नहीं है। वह किसी पहाड़ी इलाके का रहने वाला था। लगता है वहीं चले गये दोंनो।


इंस्पेक्टर चला गया। अंजली अपने कमरे में खड़ी रो रही थी। उसका पलंग उसका कमरा, उसकी किताबें, उसका मेकअप का सामान, उसका लेपटॉप उसके पिता ने कितने नाजों से पाला था उसे उसकी हर ख्वाहिश पूरा करते थे।

अभी एक साल पहले ही वह कॉलेज में रोबिन से मिली थी। कैंटीन में रोबिन से मिलते ही उसे पहली नजर में प्यार हो गया। उसकी बात करने का स्टाईल, उसके कपड़े पहनने का स्टाईल। सब पर फिदा हो गई थी अंजली।

पहले रोबिन से दोस्ती हुई। वह बहुत आदर्श, संस्कार की बातें करता था। एक साल की मोहब्बत के बाद जब शादी की बात आई तो रोबिन उसके घर जाकर उसका हाथ मांगना चाहता था। लेकिन अंजली ने ही कह दिया कि उसके घरवाले कभी एक दूसरे धर्म के लड़के से शादी नहीं करेंगे। हमें भाग कर शादी कर लेनी चाहिये।

रोबिन ने इसके लिये साफ मना कर दिया। लेकिन अंजली ही कई दिन तक उसके पीछे पड़ी रही। तब रोबिन ने कहा –

रोबिन: ठीक है तुम अपने घर से कुछ गहने, कपड़े और पैसे लेकर आ जाना हम गांव चलेंगे। कुछ दिन तुम्हारे पैसों से काम चला लेंगे तब तक मैं कोई काम ढूंढ लूंगा।

उस रात को जब घर से जाने का टाईम आया तो। अंजली को जेवर और रुपये ले जाना ठीक नहीं लगा। वह चाहती थी, कि कल रोबिन पर कोई उंगली न उठाये कि उसने पैसों के चक्कर में अंजली को फसाया था।

वह कुछ कपड़े लेकर रोबिन से मिलने पहुंच गई। दोंनो बस से एक हिल स्टेशन की ओर चल दिये। रात को बारह बजे के करीब बस से उतर कर रोबिन बोला –



रोबिन: बस पास ही में मेरा गांव है। ये जंगल पार करके गांव पहुंच जायेंगे। मेरी मां तुम्हें देख कर बहुत खुश होगी। लेकिन जंगल का मामला है तुम वो जेवर और रुपये मुझे दे दो मैं संभाल कर अपने कपड़ों में छुपा लेता हूं। बैग तो कोई भी छीन कर भाग जायेगा।

अंजली: लेकिन मैं तो कुछ नहीं लाई। मेरा मन नहीं किया वहां से कुछ लेने का तुम चिंता मत करो हम दोंनो शादी के बाद मेहनत करके पैसा कमायेंगे। मुझे सिलाई बुनाई सब कुछ आता है। मैं भी कहीं काम ढूंढ लूंगी।

रोबिन गुस्से में लाल हो गया।

रोबिन: बेवकूफ लड़की सारे किये कराये पर पानी फेर दिया। तेरे पिता इतने बड़े व्यापारी हैं मैंने सोचा था, कम से कम आठ दस लाख के जेवर और रुपये लेकर तो आयेगी ही। इसीलिये तुझे पटाया था।

अंजली: ऐसा मत कहो रोबिन मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रह सकती।

यही सब सोचते सोचते अंजली रो रही थी। वह घर से बाहर आ गई उसकी आंखे क्रोध से लाल हो गईं थीं। अब उसकी आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब वह रोबिन को मार कर अपने साथ ले जायेगी। यही सोच कर वह उसी जंगल की ओर चल दी।

इधर रोबिन वहां से निकल कर नीचे मालरोड पर पहुंचा और एक बार में जाकर शराब पीने लगा। वह बैठ कर कई पैग पी चुका था। आज उसे बहुत दुःख था। दुःख अंजली का नहीं उसकी दौलत का था। आठ दस लाख रुपये उसके हाथ आते आते रह गये। एक साल की मेहनत पर पानी फिर गया। अब फिर किसी लड़की को पटाना पड़ेगा।

रोबिन जो कुछ भी सोच रहा था। वह अंजली उससे कुछ दूर पर खड़ी सुन रही थी। रोबिन को छोड़ कर वह उस जगह पहुंच गई जहां उसकी लाश दफन थी। वह वहां बैठ कर रो रही थी। तभी किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा। उसने पलट कर देखा उसके पास चार लड़कियां खड़ीं थी।

एक लड़की: घबराओ मत हम भी तुम्हारी तरह भूत हैं।

दूसरी लड़की:     उस कमीने रोबिन का हम भी शिकार बन गईं। हमे भी वह गांव ले जाने के बहाने इसी जंगल में लाकर मार चुका है।

तीसरी लड़की: नहीं हम बहुत कोशिश कर चुके हैं लेकिन जब तक वह जिंदा है हम कुछ नहीं कर सकते एक बार वो मर जाये फिर उसकी आत्मा हमारे सामने होगी तभी हम उसे तड़पा सकते हैं उसे मुक्ति न मिले वह तड़पता रहे यह कर सकते हैं पर उसे किसी तरह मरना होगा।

अंजली: चिंता मत करो मैं उसे मारने का कुछ न कुछ उपाय करूंगी। इतनी आत्मओं की बद्दुआ लेकर वह चैन से नहीं रह सकता।

कहते हैं इंसानों को तो नहीं लेकिन जानवरों को आत्मा का भास होता है। उसी पहाड़ पर एक गांव वाला अपनी भेड़ चरा रहा था। अंजली उनमें से एक भेड़ को उस जगह के पास इशारे से बुला लाती हैं जहां उसका खून पड़ा था। साथ उसका फोन गिर गया था।

उस भेड़ को ढूंढता हुआ गांव वाला भी वहां पहुंच जाता है। वह वहां का नजारा देख कर पुलिस को खबर करता है। पुलिस वहां से अंजली की लाश निकाल कर पोस्टमार्टम के लिये भेज देती है। अंजली का फोन लेकर इंस्पेक्टर अंजली के घर पहुंचता है।

पूरे घर में मातम छा जाता है। घर में रोना पिटना मच जाता है। एक कोने में अंजली भी यह सब देख कर रो रही थी। इंस्पेक्टर के पूछने पर अंजली का भाई उस फोन का लॉक खोल देता है। उसमें रोबिन की फोटो थी। पुलिस उसी माल रोड पर हर होटल और बार में फोटो दिखा कर पूछताछ करती है।

उस बार का वेटर पैसों के लालच में रोबिन को सब बता देता है। रोबिन वहां से भागने लगता है। वह जंगल की ओर भागता है। चढ़ते चढ़ते उसका पैर फिसल जाता है और वह एक गहरी खाई में गिर जाता है।

कुछ देर बाद अंजली पहाड़ की चोटी पर खड़ी थी। उसके साथ वह चार लड़कियां भी थीं।

अंजली: आओ रोबिन। और कैसा लग रहा है मर कर।

रोबिन रो रहा था। उसे बहुत डर लग रहा था।

अंजली: तुम मर तो गये लेकिन अब तुम्हारी आत्मा को हम चैन से जीने नहीं देंगे।

अंजली और चारों लड़किया रोबिन को बहुत मारती हैं। रोबिन घायल हो जाता है। अंजली और लड़कियां मिल कर रोबिन की आत्मा को एक गुफा में कैद कर देती हैं। जिससे वह भाग न जाये। हर दिन उसे मारा जाता।

इसी चीख पुकार की आवाज गांव वाले उस पहाड़ से सुनते थे। उसके बाद गांव वालों ने वहां जाना छोड़ दिया।

आज इस बात को बीस साल बीत गये। आज भी वहां एक लड़के के रोने की आवाज आती है साथ ही कुछ लड़कियों की हसने की आवाज आती है। इनमें से शायद किसी को मुक्ति नहीं मिली है। जब तक उम्र पूरी नहीं होगी मुक्ति नहीं मिलेगी।

दोस्तो ये कहानी आपको कैसी लगी, नीचे कमेंट में हमें जरूर बताएं ।
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